प्रेम, इंसान और जानवर, चर्चा में छपरा का यह आदमी

प्रेम, इंसान और जानवर, चर्चा में छपरा का यह आदमी

Chhapra: साल 2009 में एक अंग्रेजी फिल्म आई थी, जिसका नाम Hachiko: A Dog’s Tale था. इस फिल्म की पटकथा एक प्रोफेसर द्वारा सड़क पर लावारिस हालत में मिले कुत्ते को पालकर रखने पर आधारित थी. कुत्ता अपनी स्वामी भक्ति में प्रतिदिन अपने मालिक के ट्रेन पकड़ने जाने के समय स्टेशन तक जाता और फिर तब तक बैठा रहता जब तक कि वह वापस ना आ जाए.

कुत्ते की स्वामिभक्ति ऐसे ही जारी रहती है और एक दिन किसी दुर्घटना में मालिक की मौत के बाद उनके नहीं लौटने पर कई सालों तक वही बैठे रहने से उसकी मौत हो जाती है.

आज इसका जिक्र इसलिए क्योंकि शहर में इन दिनों इंसान और जानवर के बीच ऐसा ही एक प्रेम चर्चा में है. छपरा के सड़कों पर इन दिनों कंधे पर कुत्ता लिए एक शख्स चर्चा का विषय बना हुआ है. यह शख्स कुत्ते को अपने बेटे की तरह कंधे पर लिए घूमता दीखता है. कुछ लोगों ने उससे इसका कारण पूछा. अपना नाम सुबोध बताने वाला शख्स रहता कहा है फिलहाल यह पता नहीं पर उसकी बातों को माने तो उसके घर वाले उसे थोड़ा भी प्यार और सम्मान नहीं देते, जिसके कारण वह घर से दूर है. इस दौरान उसका पालतू कुत्ता 24 घंटे उसके साथ रहता है. कुत्ता भी स्वामिभक्ति में उसे छोड़ कही नहीं जाता.

मामला तब प्रकाश में आया जब कुत्ते के बीमार होने पर वह सदर अस्पताल के पास दवा खरीदने आया था. यहां मेडिकल की दूकान में उसने अपने कुत्ते के लिए दवा खरीदा. दुकान के सेल्समैन विष्णु ने बताया कि इस अनोखे ग्राहक को देखने के लिए दुकान लोगों की भीड़ लग गई. जिसके बाद वह अपने कुत्ते को कंधे पर उठाकर चलता बना. इस शख्स को लेकर लोगों में कौतूहल बना हुआ है. कुत्ते और इंसान के प्रेम का यह कोई पहला वाक्या नहीं पर यह प्रेम है जो इंसान को इंसान और इंसान को जानवरों से जोड़ता है. 

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