चेहल्लुम: या हसन, या हुसैन की गूंजी सदायें

चेहल्लुम: या हसन, या हुसैन की गूंजी सदायें

Chhapra: मज़हब-ए-इस्लाम की रुह की हि़फ़ाज़त, नमाज़, इंसानियत को नई जिन्दगी देने वाले, जुल्म को सब्र से शिकस्त देने वाले मसीहा इमाम हु़सैन व उनके साथ कर्बला में शहीद होने वाले अफराद का चेहल्लुम (चालीसवाँ) आज भरपूर अ़क़ीदत के साथ मनाया गया.

बताते चलें कि पूरी दुनिया में उर्दू कैलेन्डर के मुताबिक़ 20 सफर को इमाम ह़ुसैन का चेहल्लुम मनाया जाता है. बुधवार को पठान के इमामबाड़े और दूसरी मजलिस फातमी इमामबाड़े में हुई. गुरुवार को आग मातम हुआ. आग मातम से पहले मातमी जुलूस दहियावां बड़े इमामबाड़े से शुरू हुआ जो छोटे इमामबाड़े पहुंचेगा जहां दहकते हुए अंगारे पर आग मातम किया गया. तत्पश्चात छोटे इमामबाड़े में मजलिस का इंतेखाब किया गया.

चेहल्लुम के अवसर पर दहियावां के छोटे इमामबाड़े से मातमी जुलूस निकाली गई. मातमी जुलूश महमूद चौक, पंकज सिनेमा रोड, थाना चौक, साहेबगंज चौक, मौना चौक, गांधी चौक होते हुए छोटा तेलपा कब्रिस्तान पहुंची जहां पहलाम किया गया.

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