Chhapra: तमाम कठिनाइयों और चुनौतियों को झेलकर महिलाएं आज समाज में मिशाल पेश कर रही है. महिलाएं अपनी कार्यों के बदौलत खुद को साबित कर रही है. जिससे महिला सशक्तिकरण को बल मिल रहा है और पुरुष प्रधान समाज को एक सीख.
महिला दिवस पर हम आज आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे है जो ना सिर्फ अपने बच्चे बल्कि उसके जैसे तमाम बच्चों के लिए आशा की किरण साबित हो रही है. हम बात कर रहे है शहर के रतनपुरा मुहल्ले में रहने वाली मुन्नी भारती की.
मुन्नी मूक बधिर बच्चों के लिए विद्यालय चलाती है. यह विद्यालय मूक बधिरों को बिल्कुल निःशुल्क शिक्षा देता है. जिससे इन बच्चों के जीवन को एक नई रौशनी मिल रही है.
मुन्नी भारती बताती है कि वर्ष 1982 में उनका दूसरा पुत्र मूक बधिर पैदा हुआ. समय के साथ सभी को इस बात की जानकारी हुई. इलाज के लिए कई जगह दिखने के बाद भी कोई फायदा नही हुआ. उन्होंने उसे पटना में मूक बधिर विद्यालय में दाखिला दिलाकर पढ़ाया. अपने पुत्र से इशारों में बातचीत करते करते उन्होंने भी मूक बधिरों बच्चे से बातचीत करना सीख लिया.
उन्होंने बताया कि 2004 में स्कूल की स्थापना कर आसपास के मूक बधिर बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देना शुरू किया. उनका पुत्र जब बड़ा हुआ तो दोनों ने मिलकर स्कूल में पढ़ाना शुरू किया. स्कूल उनके लिए जिन बच्चों को समाज में मूक बधिर होने के कारण शिक्षा नही मिल पाती. इस विद्यालय से अबतक पांच दर्जन मूक बधिर बच्चे निःशुल्क शिक्षा ग्रहण कर चुके है. फिलहाल 10 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे है.
समाज और मूक बधिर बच्चों को एक नई आशा देने वाली मुन्नी भारती बताती है कि उनके पति बिजली विभाग में कार्यरत थे जिससे जो पैसा आता स्कूल उससे चलता आया है. अब उनके पति रिटायर्ड हो गए है. विद्यालय को चलाने के लिए कोई सहायता नही मिल रही है. अगर सरकारी सहायता मिलती तो मूक बधिर बच्चों के लिए और भी बेहतर किया जा सकता है. बावजूद इसके अपने हौसले और मूक बधिर बच्चों को पढ़ाने के लिए वे आज भी तत्पर है.
उन्होंने बताया कि सरकार स्किल डेवलपमेंट की योजनाएं चला रही है अगर इन बच्चों के भी स्किल को डेवेलोप किया जाए तो यह समाज के अन्य बच्चों के जैसे सक्षम होकर अपने पैरों पर खड़े हो सकते है. पढ़ने के बाद नौकरी का ना मिलना बड़ी समस्या है. इसके लिए जरूरी है कि इनके स्किल को डेवेलोप कर खुद का व्यवसाय शुरू करने को प्रेरित किया जाय.
मुन्नी बताती है कि मूक बधिर बच्चे अपनी बातें दूसरों से कह नही पाते. इसलिए जरूरी है कि उन्हें शिक्षित किया जाए ताकि इशारों में ही वे अपनी बातें लोगों से कह पाए.
आज कई ऐसी महिलाएं है जो अपने कार्यों के बदौलत अपने को साबित कर रही है. सीमित संसाधनों में इनके जैसी महिलाएं सशक्तिकरण की मिशाल है. समाज को इनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने की जरुरत है.
-
राजद नेत्री रोहिणी आचार्य ने शहरी इलाके में किया जनसंपर्क, #Rohiniacharya0#LokSabhaElection2024 #RJD
-
#राजद नेत्री रोहिणी आचार्य ने शहरी इलाके में किया जनसंपर्क
-
#chhapra #saran #bihar #रामनवमी एक #झलक #ramnavmi #chhapratoday
-
नेताजी की फिसली जुबान, राजद एमएलसी सुनील सिंह ने ये क्या कह दिया!
-
#रामनवमी शोभायात्रा 2024 की झलकियां
-
पुराने अंदाज में दिखे लालू यादव, फूंका चुनावी बिगुल, रोहिणी आचार्य को जिताने का किया आह्वान
-
सारण लोकसभा: लालू यादव ने कार्यकर्ताओं में भरा जोश: सुधांशु रंजन
-
live #श्रीराम #शोभायात्रा #समिति #छपरा #ramnavmi #JaiSriRam #chhapra #Youtube #TeamCT #chhapratoday
-
#रामनवमी पर संस्कार भारती ने #स्वरांजलि #chhapratoday #chhapra #saran #bihar
-
#श्रीराम #शोभायात्रा #समिति #छपरा #ramnavmi #JaiSriRam #chhapra #Youtube #TeamCT #chhapratoday