एकात्म मानववाद के सिद्धांतों पर चल कर ही मिलेगा कश्मीर समस्या का हल: राज्यपाल

एकात्म मानववाद के सिद्धांतों पर चल कर ही मिलेगा कश्मीर समस्या का हल: राज्यपाल

Chhapra (Surabhit Dutt): देश के पहले राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद के नाम से सुशोभित राजेन्द्र कॉलेज के द्वारा ऐसा आयोजन काफी महत्वपूर्ण है. उक्त बातें महामहिम राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर राजेन्द्र कॉलेज के द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र को विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में संबोधित करते हुए कही.

राज्यपाल ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय प्रखर वैचारिक नेता थे, आधुनिक भारत के ऋषि तुल्य नेता थे. दीनदयाल जी ने एकात्म मानववाद का सिद्धांत दिया था.

उन्होंने कश्मीर समस्या पर बोलते हुए कहा कि हमे भारत के संविधान की प्रस्तावना को ध्यान में रखना होगा. संविधान में सभी को साथ लेकर चलने की बाते कही गयी है. कश्मीर की स्थिति थोड़ी अलग हो गयी है. कश्मीर की ऐसी स्थिति क्यों हुई, क्या वहां विकास नही हुआ, क्या युवाओं को रोजगार नही मिला, ऐसी स्थिति में देश का बटवारा धर्म के आधार पर हुआ हो या न हुआ हो पर कश्मीर में धार्मिक उन्माद ऐसा करा रहा है.

कश्मीर में छोटे से छोटे बच्चों के अंदर भी हिंदुस्तान के खिलाफ बातें भरी जा रही थी. उन्होंने कहा कि कश्मीर में राष्ट्र विरोधी भावना पैदा की जा रही है. समय से सख्ती से नही निपटा गया तो अलगाववाद की व्यवस्था बढ़ेगी.

उन्होंने कहा कि देश को अखंड रखने के लिए कश्मीर की समस्या को निपटाने की जरूरी है. देश के हर प्रदेश की समस्या का निदान वहां की परिस्थिति के अनुसार की जानी चाहिए. दिनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद की परिकल्पना पर सभी को आगे बढ़ना चाहिए.

क्षेत्रीय प्रचारक रामदत्त जी ने कहा कि कश्मीर मुद्दा अत्यंत ही ज्वंलत मुद्दा है और इस पर यह संगोष्ठी आयोजित है जो महत्वपूर्ण है. उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने संघ को अपना जीवन समर्पित कर दिया. उन्होंने संचार और विचार तपस्या दी थी. पंडित जी ने आचरण तपस्या भी की.

उन्होंने कहा कि कश्मीर के कुछ इलाकों में ही समस्या है. कश्मीर के अंदर समस्या है जिसका चिंतन होना चाहिए. कश्मीर को लेकर देश मे कई भ्रम है. देश के आज़ाद होने के बात जिस प्रकास सभी रियासतों का भारत मे विलय हुआ उसी प्रकार कश्मीर का भी हुआ तो जम्मू कश्मीर अलग कैसे है. जम्मू कश्मीर का विलय पूर्ण है कोई अधूरा पन नही है. जम्मू कश्मीर के बिना भारत अधूरा है, भारत का भाल है, कश्यप ऋषि की भूमि है. इसके सुरक्षा के लिए हम सभी को चिंतित रहने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि कश्मीर के अंदर विष बाकी है, धारा 370 की बाते चलती है. आज कश्मीर की बेटी दूसरे राज्य के युवक से शादी करना चाहती है तो उसको अपने पिता की संपत्ति को छोड़ना होगा, पर पाकिस्तानी नागरिक से शादी करने पर वे कश्मीर में आकर राह सकता है.

पलायन कर गए कश्मीरी पंडित
लाखो की संख्या में कश्मीरी पंडितों को भगा दिया गया. ऐसे सभी बातों पर विमर्श अगले दो दिनों में होगा. मौजूद दौर में बड़े आतंकवादियों को सेना ने मारा है जिसके बाद उन्होंने रणनीति बदली है अब पत्थरबाजी कर रहे है.

जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा. भारत का विभाजन धर्म के आधार पर नही हुआ इस लिए कश्मीर किसी भी तरह से पाकिस्तान में नही जाना चाहिए. यहाँ के महाराजा हरि सिंह ने भारत में विलय किया.

देश भक्ति का भाव जगे
सभी पहलुओं में देश भक्ति सबसे बड़ी है. देश भक्ति का भाव जागे जो जरूरी है.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सांसद नित्यानंद राय ने कहा कि बिहार में बैठ कर कश्मीर के विषय पर बाते कर रहे है. ऐसे ही देश एक होगा. आज देश का हर नागरिक सम्पूर्ण देश के लिए सोच रहा है.

सभा को संबोधित करते हुए भाजपा शिक्षा प्रकोष्ठ के समन्वयक डॉ सुधाकर सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति का छात्र रहा हूँ. अपनी शैक्षणिक और गुरु परंपरा को आगे ले जाने का सदा प्रयास करता हूँ.

इस अवसर पर इतिहास विभाग के स्मारिका का विमोचन कुलाधिपति ने किया. धन्यवाद ज्ञापन प्रतिकुलपति प्रो.डॉ. अशोक कुमार झा ने किया.

इसके पूर्व आगत अतिथियों का स्वागत गान और बुके, मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया.

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